पिछले दो पोस्ट में मैंने जल के बारे में कुछ जानकारियाँ दी थी। आज बताऊंगा की जल शुद्धिकरण कैसे किया जाए।
जल की सफ़ाई करने का सबसे सरल उपाय है - उसको छान लेना। गाँव-देहातों में लोग पुरानी साफ धोती का इस्तेमाल जल को छानने में करते हैं। यह सबसे आसान और सस्ता तरीका है। इस तरीके से जल के बड़े कण और जीव-वनस्पति निकल जाते हैं। किंतु यह उपाय जल में मौजूद सूक्ष्म जीवों और गंध का सफाया नही करता।
दूसरा रास्ता है पानी को उबाल लेना। यह काफी हद तक कारगर तो है किंतु इसमे उर्जा व्यय होती है। उबालने के समय को लेकर काफ़ी भ्रम है किंतु काफी सारे सूक्ष्म जीव सिर्फ़ १०० डिग्री का तापमान आते-आते ख़त्म हो जाते हैं। ज्यादा उबालना उर्जा की बर्बादी के साथ-साथ भारी कणों की सघनता बढ़ा देता है।
तीसरा रास्ता है रसायनों का प्रयोग। आम तौर पर क्लोरीन और आयोडीन का इस्तेमाल होता है। इनकी कार्य-कुशलता इनकी सांद्रता और प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध समय पर निर्भर करता है।
व्यवसायिक तौर पर शुद्ध जल के लिए activated carbon bed जैसी तकनीकों का इस्तेमाल होता है। ये शोध का विषय हो सकता है, किंतु इस पोस्ट को मैं और लंबा नही करना चाहता। कभी समय मिला तो rain water harvesting जैसी तकनीक पर चर्चा ज़रूर करूंगा।
राजेश जी,
ReplyDeleteइस पोस्ट के लिये धन्यवाद,
रेन वाटर हार्वेस्टिंग की पोस्ट का बेसब्री से इन्तजार रहेगा ।