Wednesday, August 28, 2013

Humpty-Dumpty had a great fall

Monday, June 10, 2013

दिल जंपिंग जपाक जम्पक जम्पक

जिस देश में क्रिकेट धर्म हो और जहाँ की जनता "ॐ क्रिकेटाय: नमः" से अपना दिन शुरू करती हो, मैं उस देश में परदेशी की तरह हूँ। यूँ तो मुझे क्रिकेट का कोई ख़ास क्रेज नहीं है लेकिन हाल के दिनों में जो कुछ हुआ, उसने मुझे क्रेजी ज़रूर कर दिया है। मैंने सोचा कि क्यों न एक बार भईया से मिल कर अपनी बात कहूँ। सो मैं उनके घर पहुँच गया।
"भईया प्रणाम"
"अरे! तुम! आओ-आओ" भईया बोले।
मैंने बैठते ही सवाल दागा, "भईया, ये क्रिकेट में क्या हो रहा है?"
"अरे कुछ नहीं। खेल है, खेल हो रहा है।"

Tuesday, May 21, 2013

राजा कौन?

इस वर्ष ठंड का ये दूसरा दौर शुरू हो चुका है। कुहासे के आगे सूर्य-देव भी लाचार नज़र आते हैं। एक गुनी-जन ने बताया कि ये ठण्ड ग्लोबल वार्मिंग का नतीजा है! उनकी बातें सुन कर मुझे भईया की याद आई। इनकी बात की तरह भईया की बातों को समझना भी मेरे लिए कठिन होता है। भईया की याद आई तो ये भी याद आया कि उनसे मिले तो अरसा हो गया है। सो मैं उनके घर पहुँच गया।
"भईया, भईया।" मैंने जोर से आवाज़ लगायी।
"कौन है?" अन्दर से भैया की आवाज़ आई। साथ ही दरवाज़ा खुला - "अरे तुम! आओ, आओ।"
"भईया  प्रणाम। आप तो आज-कल मुझे याद भी नहीं करते। कितने दिन हो गए, आप आये भी नहीं।" मैंने शिकायत की।
"ठण्ड ज्यादा थी न, इसलिए अति-आवश्यकता होने पर ही निकलता था। और सुनाओ"
"दिल्ली में इतना बड़ा काण्ड हो गया और आप मौन हैं?" मैंने उन्हें छेड़ा। 

Friday, April 19, 2013

My Jamshedpur 1

Water color has fascinated me ever since I was a kid. A few years ago, I had decided to paint a few interesting locations in and around Jamshedpur. Some of them are well-known landmarks of this town while others just go unnoticed. However, I hope you all will enjoy this along with me.

The first in the series is the water tank on a hillock which can be seen while going to NIT. After a month, we'll miss its regular viewing!

The first image can be downloaded by anyone who wants to paint it.
NIT water tank blank

Saturday, March 2, 2013

बचपन

Pinki by Ishika
जब हम बच्चे थे तब कॉमिक्स की दीवानगी हमारे सर चढ़ कर बोलती थॆ. ये दीवानगी आज के बच्चों में भी कुछ कम नहीं है. प्राण साहब की सदाबहार "पिंकी" पढने के बाद मेरी छुटकी "ईशिका" की प्रतिक्रिया कुछ यूँ थी ....