My feelings, my views, about Jamshedpur, India, this world and myself.
Saturday, March 2, 2013
बचपन
जब हम बच्चे थे तब कॉमिक्स की दीवानगी हमारे सर चढ़ कर बोलती थॆ. ये दीवानगी आज के बच्चों में भी कुछ कम नहीं है. प्राण साहब की सदाबहार "पिंकी" पढने के बाद मेरी छुटकी "ईशिका" की प्रतिक्रिया कुछ यूँ थी ....
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