Wednesday, September 17, 2008

जगत-शिल्पी को शत-शत नमन!

१७ सितम्बर यानि जगत-शिल्पी प्रजापति विश्वकर्मा की पूजा का दिन। देवताओं के इस अद्भुत शिल्पी के ऐतिहासिक या धार्मिक पहलु से मैं बहुत ज्यादा परिचित नही हूँ; फिर भी, विज्ञान और अभियंत्रण को जन-साधारण के फायदे के लिए प्रस्तुत करने वाले हर technocrat को विश्वकर्मा की उपाधि मिलनी ही चाहिए।
औद्योगिक क्षेत्रों में विश्वकर्मा पूजा बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। जाती-धर्मं के बंधन तोड़ कर सभी लोग इनकी पूजा में समान रूप से शामिल होते हैं। प्रसाद और भोग के लिए उत्साह देखते ही बनता है।
विश्वकर्मा की बात चले और नए युग के विश्वकर्माओं की बात न हो तो ठीक नही। टाटा स्टील के नौ कामगारों को प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कारों के लिए चयनित किया गया है। श्रम-भूषण के लिए टी ऍम श्रीवास्तव, आर पी सिंह और सुनील कुमार (दोनों संयुक्त रूप से); श्रम-वीर के लिए संजीव ओझा, तेजू साहू और बिनय कुमार पाण्डेय; तथा श्रम-श्री के लिए सुबोध वर्मा, चिदानंद सिंह और सचिदानंद श्रीवास्तव का चयन हुआ है। सबों को बधाई!


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