Monday, December 30, 2019

अलविदा 2019

अलविदा
गुजरे साल
बहुत दिया तुमने
अच्छा लगा, तुम्हारा यूँ
आँसू, खुशी, निराशा, आशा लाना
सहने, लड़ने, डरने, भिड़ने, तत्पर रहने
स्व को स्वनिर्मित करने का जज्बा उभारने
मुझे खुद से बेहतर बनाने के लिए, शुक्रिया।





Monday, December 23, 2019

सर्दियाँ

सर्दियाँ
मौसम नही
एक एहसास है
खुशी का, उत्सव का
अमीरों के गुलाबी शाम हैं
खनकती हँसी, हाथों में जाम है
गरीबों के लिए ठिठुरन, बुझती अलाव है
सुबह जिंदा हैं, यही उत्सव, यही घाव है।

Wednesday, December 4, 2019

सावन की धूप

सावन की धूप

आँगन में पसारे गीले कपड़े
हवा से डोलते, इधर-उधर
काले सफेद बादलों से
आँख मिचौली, खेल खेलती
छन रही सावन की धूप

मुँडेर पर बैठे कबूतर दो
रसोई में चींटियों की कतार
जुटा रहे अपना खाना
क्या पता, कब बदरा बरसे
खो जाए सावन की धूप

बरसाती हवा संग झूलते
मधुमालती के लाल-सफेद फूल
गौरैया के बच्चे, भूखे, गीले
इंतजार- माँ का, भोजन का
उनका संबल - सावन की धूप

धोकर विपुल वट वृक्ष पर्ण
छुपती गायों को गीला करती
अंबर के स्नेह रसबूँदों में
खुद को खोकर, इंद्रधनुष
बन जाती सावन की धूप

Saturday, January 26, 2019

गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें

गण का तंत्र है
तंत्र के गण हैं
इनमें कुछ मान्य हैं
तभी गणमान्य हैं

गण की गणना में
कुछ तो मूर्धन्य हैं
मानो, न मानो
कुछ स्वनाम धन्य हैं

जन गण के मन की
कौन कहे, कौन सुने?
मन की ही बात है
मन की ही मानी है

जन के अधिनायक
हे गण के गणपति
हहाकार चहुँ ओर
सत्ता पर मौन है

कौन है वह जन
हर मंत्र से परे है जो?
कौन है वो गण
हर तंत्र से परे है जो?

गण का यह तंत्र है
गण के लिए, गण द्वारा
हाथ हाथ साथ चले
लें सहारा, दें सहारा

Tuesday, January 1, 2019

नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

अग्रगामी समय रथ के
सद्कर्म हों जब अश्व
सद्गुण बने जब सारथी
जीवन होगा सफल
पूरे होंगे सब मनोरथ

नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं