Monday, December 23, 2019

सर्दियाँ

सर्दियाँ
मौसम नही
एक एहसास है
खुशी का, उत्सव का
अमीरों के गुलाबी शाम हैं
खनकती हँसी, हाथों में जाम है
गरीबों के लिए ठिठुरन, बुझती अलाव है
सुबह जिंदा हैं, यही उत्सव, यही घाव है।

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