My feelings, my views, about Jamshedpur, India, this world and myself.
साल के आखिरी दिन मैं मुस्कराया
मन ही मन सोचा तो याद आया
जीने के लिए एक साल मिला था
क्या मैं इसे ढ़ंग से जी पाया?
खुशियाँ मिली तो गम भी मिले
ठोकर लगी पर उठ कर चले
रूक कर चले, चल कर रूके
मुस्कराए, कि एक और साल आया।
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