Wednesday, January 1, 2025

Happy New Year 2025

 साल के आखिरी दिन मैं मुस्कराया 

मन ही मन सोचा तो याद आया

जीने के लिए एक साल मिला था

क्या मैं इसे ढ़ंग से जी पाया?


खुशियाँ मिली तो गम भी मिले

ठोकर लगी पर उठ कर चले

रूक कर चले, चल कर रूके

मुस्कराए, कि एक और साल आया।

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