My feelings, my views, about Jamshedpur, India, this world and myself.
अमृत का जब जश्न मनाओ
छक कर जब तुम अमृत पाओ
भूल न जाना इस मंथन में
संग संग गरल भी निकला था
अमृत का जब प्याला भरना
खुशी के जय जयकारे करना
कोटि कोटि उन नीलकंठ के
कोटि कोटि आभार करना
No comments:
Post a Comment