जो युद्ध चाहते हैं
वो नफरत करते हैं
स्वाद, सुगंध, संगीत से
चित्त की स्थिरता से
अराजकता, कोलाहल
भय का दावानल
लोग - डरे, सनके,
हथियार हैं उनके
स्वाद लग जाए जब
इंसानी खून का तब
आदमखोर कहलाता
पशु मार दिया जाता
रक्त पिपासु ये, इनकी
प्यास नही बुझती, जिनकी
फितरत में नफरत है
वो युद्ध चाहते हैं।
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