बड़ी अनोखी होली आई
बंटे हुए कई रंग लाई
हरा है तेरा, मेरा भगवा
कहते हैं अब भाई-भाई
रंग बिरंगे चेहरे होते
रंग बदलता था न कोई
अब तो रंगा सियार हर तरफ
जाने कैसी होली आई
गली-गली में रंग थे बहते
मिलते गले, मुबारक कहते
अब मिलने से भी डर लगता
जाने कैसी होली आई
भेद भाव सब मिट जाते थे
राग द्वेष सब छंट जाते थे
मन में ईर्ष्या, रंग हाथों में
जाने कैसी होली आई
बंटे हुए कई रंग लाई
हरा है तेरा, मेरा भगवा
कहते हैं अब भाई-भाई
रंग बिरंगे चेहरे होते
रंग बदलता था न कोई
अब तो रंगा सियार हर तरफ
जाने कैसी होली आई
गली-गली में रंग थे बहते
मिलते गले, मुबारक कहते
अब मिलने से भी डर लगता
जाने कैसी होली आई
भेद भाव सब मिट जाते थे
राग द्वेष सब छंट जाते थे
मन में ईर्ष्या, रंग हाथों में
जाने कैसी होली आई