आज राधे बाबू का जन्मदिन है। यूँ तो उन्हें भी नही पता कि उनका जन्म किस दिन हुआ। माँ को भी सिर्फ इतना याद है कि भीषण गर्मी में वे पैदा हुए थे। शायद वो दिन वटसावित्री व्रत का दिन था। स्कूल में मास्साब ने जन्मतिथि एक अप्रैल की लिख दी। नौकरी भी उसी आधार पर मिल गई। अब कौन याद रखे फिजूल की बातें?
पर आज कुछ खास है। आज राधे बाबू का उनसठवाँ आधिकारिक जन्मदिन है। बस एक साल और। उसके बाद सेवानिवृत्ति! वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में पदार्पण!
पर आज कुछ खास है। आज राधे बाबू का उनसठवाँ आधिकारिक जन्मदिन है। बस एक साल और। उसके बाद सेवानिवृत्ति! वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में पदार्पण!
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