जिस देश में क्रिकेट धर्म हो और जहाँ की जनता "ॐ क्रिकेटाय: नमः" से अपना दिन शुरू करती हो, मैं उस देश में परदेशी की तरह हूँ। यूँ तो मुझे क्रिकेट का कोई ख़ास क्रेज नहीं है लेकिन हाल के दिनों में जो कुछ हुआ, उसने मुझे क्रेजी ज़रूर कर दिया है। मैंने सोचा कि क्यों न एक बार भईया से मिल कर अपनी बात कहूँ। सो मैं उनके घर पहुँच गया।
"भईया प्रणाम"
"अरे! तुम! आओ-आओ" भईया बोले।
मैंने बैठते ही सवाल दागा, "भईया, ये क्रिकेट में क्या हो रहा है?"
"अरे कुछ नहीं। खेल है, खेल हो रहा है।"