Tuesday, December 20, 2011

City Anthem

In the month of November, Dainik Jagarn had organized an anthem
writing competition. The topic was my city anthem. Although my entry
could not make it to the top slot, here it is...





स्वच्छ, व्यवस्थित, हरा-भरा, सब शहरों से न्यारा
हाथ उठा आवाज़ लगा, जमशेदपुर सबसे प्यारा



दलमा की गर्वीली चोटियाँ, मेघों को भी रोकें
फूलों की खुशबु संग चलते, मादक पवन के झोंके



स्वर्ण-कणों की स्वर्णरेखा, जिसकी बहना खरकाई
कालीमाटी की धरती ने, भारत को राह दिखाई



भारत में उद्योग-क्रांति की, इसने जलाई ज्वाला
कितने लोग - कितनी पीढ़ियों, को है इसने पाला



फौलादी है जिगर हमारा, लेकिन फूलों जैसा दिल
हिन्दू-मुस्लिम-सिख-इसाई, हमसब रहते हैं हिल-मिल



रहे साथ - आगे बढें, ना छूटे हाथ हमारा
हाथ उठा आवाज़ लगा, जमशेदपुर सबसे न्यारा