Wednesday, November 19, 2025

कविताएँ अब पढ़ी नही जाती

कविताएँ अब पढ़ी नही जाती

कोई नही पढ़ता उन्हे

कविता पढ़ने को चाहिए 

रगों में लहू, लहू मे उबाल।

आँखो मे करूणा, हृदय मे प्यार 

मन मे शांति, विवेक मे धार।

और चाहिए, सीधी एक रीढ़।

इसलिए 

कविताएँ अब पढ़ी नही जाती

कोई नही पढ़ता उन्हे।