Tuesday, October 28, 2025

असर

तुझको याद किया, मुस्कुराता रहा

बेवजह बस यूँ ही, गुनगुनाता रहा।


तेरे गेसू की खुशबू, हवाओ मे थी

अपने ख्वाबों मे मै, गुल खिलाता रहा।


बादलों मे जो देखा, तो तुम ही मिली

मै ख्यालों मे तुमको, सजाता रहा।


जी करता है छू लूँ, मै नजरो से ही

तुमको देखा तो नजरे चुराता रहा।