जब धाराएँ विपरीत हों
उछलती कूदती तेज गति
किनारे तोड़ देने को आतुर
धारा के विपरीत तैरना ही नही
डट कर जगह पर स्थिर रहना
भी, किसी क्रांति से कम नही।
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जब धाराएँ विपरीत हों
उछलती कूदती तेज गति
किनारे तोड़ देने को आतुर
धारा के विपरीत तैरना ही नही
डट कर जगह पर स्थिर रहना
भी, किसी क्रांति से कम नही।
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बसंत बहार, लाई रस की फुहार
उड़े गुलाल, रंगों की चली धार।
स्वाद भरे, पकवानो की भरमार
मिलजुल कर, होली का हो त्योहार।
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
उम्मीदों की थामे डोर, एक कदम सपनो की ओर
बीते वर्ष को पीछे छोड़, नए वर्ष में स्वागत है।