My feelings, my views, about Jamshedpur, India, this world and myself.
वह पथ क्या, जिस पथ पर, दौड़ा हर कोई सरपट
उबड़ खाबड़ ना, पथरीला ना, चिकना जैसे पनघट
संभल पथिक, ये उर्ध्वाधर सी राह पतन को जाती है
कदम जमा, और हाथ बढ़ा, ईश्वर ही तेरा साथी है।