Saturday, July 25, 2009

Who Am I?

Obedient, Knowledgeable and Proactive

Versatile yet strong, soft yet assertive

Lightening fast with a killer instinct

Is it me? Or my persona is distinct?

Looked upon as a man of substance

I just wonder, who I am?

Everyone has the right to think

I'm there for them, at eye's blink

Friend, son, husband and father

Numerous relations, to fulfill and gather

Unfeigned within or just a sham

I just wonder, who I am?

Friday, July 3, 2009

Think Again: Swine Flu

Yesterday's Hindustan Dainik had a really informative and thought provocative article. I'm posting it here. If it is not appearing correctly, the link may be of help.
 
 
 
 
 

Thursday, July 2, 2009

तीन टांगो वाला आदमी

"मटकू भइया राम-राम"
"अचानक इ राम-राम कइसे सूझा?"

"भइया, एक किताब पढ़ रहे थे जिसमे गाँव का एक आदमी मरते समय अपने बेटा को कहता है कि
१ हमेशा छावँ में काम पर जाओ और काम से आओ
२ मुसीबत में तीन टांग वाले से मदद लो।"

"अब एक कहानी सुनो" मटकू भइया बोले।

"एक गाँव में किसी लड़के कि शादी थी। बारात की तैयारी धूम धाम से चल रही थी। साथ ही लड़की-पक्ष कि एक विचित्र शर्त भी चर्चा में थी - बारात में सारे जवान होंगे! खैर, जब बारात चलने लगी तो एक बूढा आ कर साथ चलने कि जिद्द करने लगा। वैसे तो उसे कोई भी ले जाने को तैयार नही था पर उसकी जिद्द के आगे जवानों की एक न चली। बूढा बस की छत पर जा कर लेट गया। बारात पहुँची तो उसका स्वागत धूम-धाम से हुआ। जवानों ने आँख बचा कर बूढे-बाबा के लिए भी पकवानों कि व्यवस्था कर दी।
जब लड़का मंडप पर बैठ गया तो लडकी वालों ने एक और विचित्र शर्त सामने रखी। कहा गया कि गाँव में जो तालाब है, उसे लड़के-वाले दूध से भर दें, तभी शादी होगी। कुछ अति-उत्साही लड़के तालाब देखने गए पर उसे देख कर उनके होश उड़ गए। वह काफी बड़ा तालाब था! सरे लोग बस के पास विचार करने में लगे थे। उनको परेशान
देख बूढे-बाबा बोले - कोई परेशानी है क्या? पहले तो किसी ने उन पर गौर नही किया पर फिर सबने अपनी समस्या सुना दी। बाबा बोले - इतनी सी बात? अब तो लड़के उखर गए - इतना बड़ा तालाब है, खाली भी करना है और भरने के लिए दूध का भी इन्तेजाम करना है, आधी रात में हमारा दिमाग ख़राब हो रहा है और आप.... जैसे-तैसे सबों को शांत किया गया। फिर बाबा ने अपनी तरकीब बता दी। अब तो लड़के खुशी-खुशी मंडप पर पहुंचे - ऐसा है भाई कि हमलोगों ने तालाब देख लिया है, दूध का भी इन्तेजाम कर लिया है। अब लड़की-वालों की जिम्मेदारी है कि जल्दी से तालाब से पानी निकाल दें ताकि हम उसमे दूध भर सकें!

यही है तीन-टांगो वाले आदमी का कमाल। कुछ समझे?"

मैं हर बार की तरह सिर्फ़ अपना सर हिलाता रह गया!